छोटे कारोबारी भी बन सकेंगे सरकार के सोलर चैनल पार्टनर, रेटिंग लेने की शर्त हटी
नई दिल्ली। अब केंद्र सरकार का सोलर चैनल पार्टनर बनना आसान हो गया है। सरकार ने इसकी गाइडलाइंस में बदलाव किया है, ताकि अधिक से अधिक कारोबारी सरकार के साथ जुड़ें और सोलर पावर का टारगेट हासिल किया जा सके। सरकार ने सोलर चैनल पार्टनर के लिए जरूरी रेटिंग की शर्त को समाप्त कर दिया है। सरकार ने कहा है कि चैनल पार्टनर के इम्पैनलमेंट प्रोसेस को सरल बनाने और ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को प्रमोट करने के लिए नई गाइडलाइंस तैयार की जाएगी, लेकिन तब तक कारोबारियों को रेटिंग लेने की जरूरत नहीं है।
क्या है चैनल पार्टनर स्कीम
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी (एमएनआरई) ने यह स्कीम पिछले साल से शुरू की थी। इस स्कीम के तहत एमएनआरई द्वारा चैनल पार्टनर का सेलेक्शन किया जाता है। चैनल पार्टनर अपने स्टेट में कहीं भी सोलर पैनल लगाने से लेकर, मेंटीनेंस, इक्वीपमेंट बेचने का बिजनेस कर सकते हैं। सोलर पैनल लगाने वालों को जो सब्सिडी दी जाती है, वह चैनल पार्टनर के माध्यम से ही दी जाती है। ये चैनल पार्टनर ऑफग्रिड आयटम जैसे सोलर गीजर, सोलर लाइट, सोलर पंप, सोलर पंखे, सोलर चार्जर, कूकर जैसे सोलर आयटम भी बेच सकते हैं।
क्या थी दिक्कत
चैनल पार्टनर बनने की शर्त यह है कि अप्लाई करने से पहले कारोबारी को रिजर्व बैंक से रजिस्टर्ड रेटिंग एजेंसी से सोलर पावर रेटिंग लेनी होगी। आरबीआई से रजिस्टर्ड एजेंसियों में क्रिसिल, इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च, आईसीआरए, क्रेडिट एनालिसिस एंड रिसर्च (केयर), ब्रिकवर्क रेटिंग, एसएमई रेटिंग शामिल हैं। रेटिंग लेने की दिक्कत यह है कि लंबे समय से बिजनेस कर रही कंपनियों के लिए रेटिंग लेना आसान होता है, लेकिन नए व छोटे कारोबारी के लिए रेटिंग लेने में काफी दिक्कतें होती हैं। साथ ही, छोटे कारोबारियों को रेटिंग एजेंसियों की फीस देने में भी दिक्कत होती है।
टारगेट से पिछड़ने का डर
एमएनआरई के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार की असली दिक्कत यह है कि रूफटॉप सोलर पावर का जो टारगेट तय किया गया था, उससे सरकार पिछड़ रही है। सरकार का टारगेट है कि 2022 तक 1 लाख मेगावाट सोलर पावर जनरेट किया जाए। इसमें 40 हजार मेगावाट रूफटॉप सोलर प्लांट से जनरेट किया जाए, लेकिन अब तक आंकड़े बताते हैं कि रूफटॉप सोलर पावर का टारगेट पूरा नहीं हो रहा है। इसीलिए सरकार ने रूफटॉप सोलर प्लांट का टारगेट घटाकर 20 हजार मेगावाट कर दिया है, जबकि सोलर पार्क का टारगेट बढ़ा दिया है। अब नए टारगेट को हासिल करने के लिए चैनल पार्टनर स्कीम को आसान किया जा रहा है।
एमएनआरई द्वारा हर तीन माह में चैनल पार्टनर्स के लिए आवेदन मांगे जाते हैं। अभी जुलाई में भी चैनल पार्टनर्स के लिए आवेदन मांगे गए थे। मिनिस्ट्री ने स्पष्ट किया है कि जुलाई में जिन कारोबारियों ने आवेदन किया था, उन्हें रेटिंग देनी ही होगी। उन्हें रेटिंग की शर्त से मुक्त नहीं रखा गया है। अक्टूबर माह में जो कारोबारी आवेदन करेंगे, उन्हें रेटिंग नहीं देनी होगी।
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