अब केवल 3000 रु. में जिन्दगी भर बनाये रसोई गैस !
गोबर गैस से कई समस्याओं का निदान किया जा सकता है. लेकिन दुख की बात है कि इस पर सरकार और आम जनता ध्यान नहीं दे रही है. गोबर गैस को ऊर्जा के विकल्प के रूप में देखा जा सकता है. अभी हाल ही में कर्नाटक के राजू मुदिगिरी ने गोबर गैस की मदद से कुकिंग गैस की समस्या को दूर करने की कोशिश की है. महज 3000 रु. ख़र्च कर के रसोई घर में 4-5 घंटे की गैस सप्लाई मिल सकती है. आइए आपको गोबर गैस से जुड़ी बातों को समझाते हैं.
कम लागत में बेहतरीन खोज
पेशे से पशु चिकित्सक राजू मुदिगिरी को बचपन से कुछ अलग करने की ललक थी. इसी ललक में उन्होंने एक अनोखा गोबर गैस प्लांट डिजाइन कर दिया. हालांकि इसकी लागत महज 3000 रु. ही है. इसकी कई और ख़ासियत है.
इसे प्लास्टिक की शीट से बनाया गया है
इसकी लंबाई 11 फीट और चौड़ाई 250 मि.मी है
इसमें दो पाइप्स का इस्तेमाल किया गया है
गोबर-पानी के मिश्रण को पाइप के अंदर डाला जाता है. एक घंटे के बाद मीथैन गैस का उत्पादन शुरु हो जाता है, जो 4 घंटों तक चालू रहता है. इस प्रक्रिया में बनने वाली मीथैन गैस का इस्तेमाल कर के घर का खाना पकाया जा सकता है.
श्री कृष्णराजू के मुताबिक, बायो गैस के किसी अन्य प्लांट के निर्माण में केवल 20,000 रु. की आवश्यकता होती है, जिसमें वार्षिक मेंटिनेंस लागत भी शामित होती है, पर यह काफी सस्ती है और इसक संचालन काफी आसान। एक बार संस्थपित करने के बाद इसे 5-6 वर्षों तक चालू रखा जा सकता है।
श्री कृष्णराजू कहते हैं कि उनक मुख्य उद्देश्य वन की रक्षा करना है। यदि घर आरसीसी निर्मित हो तो इस यूनिट को घर के छ्त पर रखा जा सकता है। उन्होंने इसे डाराडहली के डी एन वीरेंद्र गौड़ा की छत पर स्थापित किया है। उन्हें अपने गौशाले के गोबर से प्रतिदिन 5 घंटे का बायोगैस ईधन प्राप्त हो जाता है।
गैस का इस्तेमाल करने के बाद गाद का उपयोग खाद के रूप में कर लिया जाता है। इस बारे में विशेष जानकारी के लिए श्री कृष्णराजू से इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है-
मोबाइल: 94480-73711.
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